January 25, 2025
What is ‘Election Integrity Index’?/चुनाव सत्यनिष्ठा सूचकांकक्या है ?
Why in News? The Chief Election Commissioner (CEC) has recently Advocated for ‘Election Integrity Index’.
Context:
- Chief Election Commissioner (CEC) Rajiv Kumar emphasized the need for election management bodies (EMBs) to develop an Election Integrity Index.
- Addressed concerns during the conclusion of a two-day international conference of EMBs hosted by the Election Commission of India (ECI) in New Delhi.
Concerns over Existing Democracy Indices:
Opaqueness in Parameters:
- Existing democracy indices lack transparency.
- Often rely on subjective interpretations rather than hard electoral facts.
Examples:
- Indices like The Economist’s Democracy Index and V-Dem Institute’s Democracy Report have flagged declines in India’s position.
Media and Social Media Bias:
-
- Rankings sometimes depend on media reports and social media conversations, ignoring ground realities.
- Such indices can discredit elections, especially when released during live election periods.
Proposed Election Integrity Index:
Parameters for Transparency:
Must focus on hard facts such as:
- Free voter registration.
- Unrestricted voter participation.
- Quality and integrity of electoral processes.
Purpose:
- To complement existing democracy indices or act as a sub-index.
- Ensure pre-qualified weightage for transparency and fairness in rankings.
Challenges Faced by EMBs:
External Threats:
- Cyber interference and disinformation are significant issues.
- Social media platforms, while democratizing information, often spread fake news.
Efforts by ECI:
- Focused on countering fake content during the 2024 Lok Sabha elections.
- Advocated for “anti-pollution measures” for social media, including algorithm-based detection of misinformation.
Call for Objectivity in Democracy Indices:
Past comments by CEC:
- 2022 Mexico Conference: Suggested including the local context of countries in indices.
- South Africa A-WEB Meeting: Highlighted the need to revisit assessment parameters used by international organizations.
चुनाव सत्यनिष्ठा सूचकांक:
चर्चा में क्यों? मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने हाल ही में ‘चुनाव सत्यनिष्ठा सूचकांक’ (Election Integrity Index) विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
सन्दर्भ :
- मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने चुनाव प्रबंधन निकायों (EMBs) को चुनाव सत्यनिष्ठा सूचकांक विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
- यह मुद्दा नई दिल्ली में भारत के चुनाव आयोग (ECI) द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन पर उठाया गया।
मौजूदा लोकतंत्र सूचकांकों पर चिंताएं:
मापदंडों में अस्पष्टता:
- मौजूदा लोकतंत्र सूचकांक पारदर्शिता की कमी से ग्रस्त हैं।
- अक्सर हार्ड फैक्ट्स के बजाय व्यक्तिपरक व्याख्याओं पर आधारित होते हैं।
उदाहरण:
- इकोनॉमिस्ट का डेमोक्रेसी इंडेक्स और वी-डेम इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट ने भारत की रैंकिंग में गिरावट की ओर संकेत किया है।
मीडिया और सोशल मीडिया की पक्षपातपूर्णता:
- रैंकिंग कभी-कभी मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया चर्चाओं पर निर्भर करती हैं, जो जमीनी वास्तविकताओं को नजरअंदाज करती हैं।
- ऐसे सूचकांक खासतौर पर चुनाव प्रक्रिया के दौरान जारी होने पर चुनावों को बदनाम कर सकते हैं।
प्रस्तावित चुनाव सत्यनिष्ठा सूचकांक:
पारदर्शिता के लिए मापदंड:
हार्ड फैक्ट्स पर आधारित होना चाहिए, जैसे:
- नि:शुल्क मतदाता पंजीकरण।
- मतदान में कोई प्रतिबंध नहीं।
- चुनावी प्रक्रिया की गुणवत्ता और सत्यनिष्ठा।
उद्देश्य:
- मौजूदा लोकतंत्र सूचकांकों के पूरक के रूप में या एक उप-सूचकांक के रूप में कार्य करना।
- पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए पूर्व-योग्य भार प्रदान करना।
चुनाव प्रबंधन निकायों (EMBs) द्वारा सामना की गई चुनौतियाँ:
बाहरी खतरे:
- साइबर हस्तक्षेप और भ्रामक जानकारी प्रमुख मुद्दे हैं।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जो सूचना तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाते हैं, अक्सर फेक न्यूज फैलाने का माध्यम बनते हैं।
भारत के चुनाव आयोग (ECI) के प्रयास:
- 2024 लोकसभा चुनावों के दौरान फेक कंटेंट को रोकने पर विशेष ध्यान दिया गया।
- सोशल मीडिया के लिए “एंटी-पॉल्यूशन उपाय” की वकालत की, जैसे कि भ्रामक जानकारी का पता लगाने के लिए एल्गोरिदम।
लोकतंत्र सूचकांकों में वस्तुनिष्ठता की मांग:
CEC की पूर्व टिप्पणियां:
- 2022 मेक्सिको सम्मेलन: सूचकांकों में देशों के स्थानीय संदर्भ को शामिल करने का सुझाव दिया।
- दक्षिण अफ्रीका A-WEB बैठक: अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा उपयोग किए जाने वाले मापदंडों पर पुनर्विचार की आवश्यकता पर बल दिया।