Slowdown in GDP growth: Reasons /Challenges

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January 8, 2025

Slowdown in GDP growth: Reasons /Challenges

GDP Growth Seen at 4-Year Low of 6.4% on Weak Manufacturing and Investment

  • Explanation: India’s real GDP growth for FY25 is projected to be 6.4%, which marks a four-year low. This decline is attributed to sluggish growth in manufacturing and investments. Both sectors are expected to grow at lower rates compared to the previous fiscal year, contributing to the overall slowdown in GDP growth.

2. First Advance Estimates for FY25:

  • Explanation: These estimates are based on data extrapolated from the first seven to eight months of the financial year. These early estimates are used by government departments, especially the Ministry of Finance, to formulate the upcoming Union Budget. The estimates predict a GDP growth of 6.4% for FY25, which is lower than previous projections by both the RBI (6.6%) and the government’s Economic Survey (6.5-7%).

3. H2 GDP Growth Projected at 6.7%:

  • Explanation: Despite the weak performance in the first half (H1) of FY25, the economy is expected to show some recovery in the second half (H2). H2 growth is projected at 6.7%, up from 6.0% in H1, but the weak performance in the first half brings the overall growth down to 6.4%.

4. Weak Growth in Primary and Secondary Sectors:

  • Explanation: Both the primary (agriculture) and secondary (manufacturing, mining) sectors are showing slowdowns. For instance, manufacturing is expected to grow at just 5.3% in FY25, down from 9.9% in FY24. Similarly, mining growth is expected to slow significantly from 7.1% to 2.9%.

5. Weak Investment and Slow Private Sector Capex:

  • Explanation: Investment growth, especially in the corporate sector, has not picked up as expected. Gross Fixed Capital Formation (GFCF), which reflects investment in physical assets, is expected to grow at just 6.4% in FY25, compared to 9% in FY24. This weak investment is also linked to sluggish private sector capital expenditure (capex), reflecting a lack of confidence in the economy.

6. Government Expenditure to Support Growth

  • Explanation: Higher government spending is one of the factors supporting the overall economic growth. Government Final Consumption Expenditure (GFCE) is expected to grow by 4.1%, up from 2.5% in FY24. This increase in government spending is aimed at stimulating the economy during a phase of weak private sector demand.

7. Growth in Consumption Demand:

  • Explanation: Private Final Consumption Expenditure (PFCE), which reflects household consumption, is expected to grow at 7.3% in FY25, an improvement over the previous year’s 4% growth. This growth is expected to be driven by rural demand, aided by a strong crop output. However, urban demand has lost some momentum due to slow wage growth.

8. Challenges in Investment and Corporate Growth:

  • Explanation: Although private consumption is picking up, investments (especially private investments) are not showing significant growth. Investment growth in the second half of FY25 is expected to remain at the same level as the first half, indicating that private investment is not picking up meaningfully.

9. Sector-wise Growth Outlook:

  • Explanation:
    • The agriculture sector is seeing a positive growth trend, with Real GVA (Gross Value Added) growth expected to rise to 3.8% in FY25, compared to 1.4% in FY24.
    • The services sector continues to perform relatively better, with an estimated growth of 7.2% in FY25, driven by public administration and defense services. Other services such as trade, transport, and real estate are expected to grow at slower rates.

10. Overall Economic Slowdown and Impact of Base Effect:

  • Explanation: The slowdown in growth is also partly attributed to a strong base effect from previous years, which made the growth figures appear higher than they were. The economy is now entering a cyclical slowdown phase, affecting key sectors like manufacturing, mining, and investment.

11. Nominal GDP Growth and Fiscal Outlook

  • Explanation: India’s nominal GDP is projected to grow by 9.7% to Rs 324 lakh crores in FY25. However, this growth is slightly below the estimates in the Union Budget. The government’s fiscal deficit is expected to stay within manageable levels, with some analysts predicting that it could even undershoot the target due to higher-than-expected tax collections.

12. Key Takeaways from the GDP Estimates

  • Explanation: While India’s economy is still growing, the rate of growth has slowed significantly, especially when viewed over a longer period. Factors like weak private consumption growth, sluggish investment, and a large reliance on government spending are holding back the economy. The pace of economic expansion is much lower than what is needed for India to become a developed economy by 2047. The current trend suggests India is growing at an annual rate of less than 5%, which is half the rate required for rapid economic development.

In summary, while India’s GDP is growing, the pace of growth has slowed down due to weak industrial output, investment, and consumption demand. Government spending is helping to keep growth on track, but the economy faces challenges in sustaining higher growth in the long term.

  1. GDP विकास 6.4% पर 4 साल के निम्नतम स्तर पर, कमजोर विनिर्माण और निवेश के कारण:
    व्याख्या: FY25 के लिए भारत का वास्तविक GDP विकास 6.4% रहने का अनुमान है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम है। यह गिरावट विनिर्माण और निवेश में सुस्ती के कारण है। इन दोनों क्षेत्रों का विकास पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में कम रहने की उम्मीद है, जो समग्र GDP विकास में मंदी का कारण बन रहा है।
  2. FY25 के लिए पहले अग्रिम अनुमान:
    व्याख्या: ये अनुमान वित्तीय वर्ष के पहले सात से आठ महीनों के आंकड़ों से प्राप्त किए गए हैं। सरकार के विभाग, विशेष रूप से वित्त मंत्रालय, आगामी केंद्रीय बजट को तैयार करने के लिए इन अनुमानों का उपयोग करते हैं। यह अनुमान FY25 के लिए GDP विकास 6.4% रहने का बताते हैं, जो RBI (6.6%) और सरकार की आर्थिक सर्वेक्षण (6.5-7%) के पिछले अनुमानों से कम है।
  3. H2 GDP विकास 6.7% रहने का अनुमान:
    व्याख्या: FY25 के पहले आधे (H1) में कमजोर प्रदर्शन के बावजूद, अर्थव्यवस्था के दूसरे आधे (H2) में कुछ सुधार की उम्मीद है। H2 में 6.7% विकास का अनुमान है, जो H1 के 6.0% से अधिक है, लेकिन पहले आधे का कमजोर प्रदर्शन समग्र विकास को 6.4% तक सीमित कर रहा है।
  4. प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रों में कमजोर वृद्धि:
    व्याख्या: प्राथमिक (कृषि) और द्वितीयक (विनिर्माण, खनन) क्षेत्रों में धीमी वृद्धि दिख रही है। उदाहरण स्वरूप, विनिर्माण क्षेत्र में FY25 में केवल 5.3% वृद्धि का अनुमान है, जो FY24 में 9.9% थी। इसी तरह, खनन क्षेत्र की वृद्धि भी FY24 में 7.1% से घटकर 2.9% रहने का अनुमान है।
  5. निवेश में कमजोरी और निजी क्षेत्र की पूंजीगत व्यय की मंदी:
    व्याख्या: निवेश में वृद्धि, विशेष रूप से कॉर्पोरेट क्षेत्र में, अपेक्षानुसार नहीं बढ़ी है। Gross Fixed Capital Formation (GFCF), जो भौतिक संपत्तियों में निवेश को दर्शाता है, FY25 में केवल 6.4% बढ़ने का अनुमान है, जो FY24 में 9% था। यह कमजोर निवेश निजी क्षेत्र की पूंजीगत व्यय (capex) की मंदी से जुड़ा हुआ है, जो अर्थव्यवस्था में विश्वास की कमी को दर्शाता है।
  6. विकास को समर्थन देने के लिए सरकारी व्यय:
    व्याख्या: उच्च सरकारी व्यय समग्र आर्थिक विकास को समर्थन देने वाले कारकों में से एक है। सरकार के अंतिम उपभोग व्यय (GFCE) में FY25 में 4.1% की वृद्धि का अनुमान है, जो FY24 में 2.5% था। यह सरकारी खर्च बढ़ाने का उद्देश्य कमजोर निजी क्षेत्र की मांग के दौरान अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करना है।
  7. उपभोग मांग में वृद्धि:
    व्याख्या: निजी अंतिम उपभोग व्यय (PFCE), जो घरेलू उपभोग को दर्शाता है, FY25 में 7.3% बढ़ने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की 4% वृद्धि से बेहतर है। यह वृद्धि ग्रामीण मांग द्वारा समर्थित होने की उम्मीद है, जो मजबूत फसल उत्पादन से प्रेरित है। हालांकि, शहरी मांग कुछ मंदी में है, जो धीमी वेतन वृद्धि से जुड़ी है।
  8. निवेश और कॉर्पोरेट विकास में चुनौतियाँ:
    व्याख्या: हालांकि निजी उपभोग बढ़ रहा है, निवेश (विशेष रूप से निजी निवेश) में महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं दिख रही है। FY25 के दूसरे आधे में निवेश वृद्धि पहले आधे की तरह ही रहने का अनुमान है, जो यह संकेत करता है कि निजी निवेश में कोई बड़ी वृद्धि नहीं हो रही है।
  9. क्षेत्रवार विकास दृष्टिकोण:
    व्याख्या:
  • कृषि क्षेत्र सकारात्मक वृद्धि देख रहा है, और FY25 में वास्तविक GVA (Gross Value Added) वृद्धि 3.8% तक पहुंचने का अनुमान है, जो FY24 में 1.4% थी।
  • सेवा क्षेत्र अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, और FY25 में इसकी वृद्धि 7.2% रहने का अनुमान है, जो सार्वजनिक प्रशासन और रक्षा सेवाओं द्वारा प्रेरित है। अन्य सेवाएं जैसे व्यापार, परिवहन और रियल एस्टेट धीमी दरों से बढ़ने की उम्मीद हैं।
  1. समग्र आर्थिक मंदी और आधार प्रभाव का प्रभाव:
    व्याख्या: वृद्धि में मंदी का एक कारण पिछले वर्षों से आधार प्रभाव भी है, जिससे वृद्धि आंकड़े पहले की तुलना में उच्च दिखाई दे रहे थे। अब अर्थव्यवस्था एक चक्रीय मंदी चरण में प्रवेश कर रही है, जो विनिर्माण, खनन और निवेश जैसे प्रमुख क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है।
  2. नाममात्र GDP वृद्धि और राजकोषीय दृष्टिकोण:
    व्याख्या: भारत का नाममात्र GDP FY25 में 9.7% बढ़ने का अनुमान है, जो Rs 324 लाख करोड़ तक पहुंचेगा। हालांकि, यह वृद्धि केंद्रीय बजट के अनुमानों से थोड़ी कम है। सरकार का राजकोषीय घाटा प्रबंधनीय स्तर पर रहने का अनुमान है, और कुछ विश्लेषकों का कहना है कि उच्च कर संग्रहण के कारण यह लक्ष्य से भी कम हो सकता है।
  3. GDP अनुमानों से प्रमुख निष्कर्ष:
    व्याख्या: जबकि भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी बढ़ रही है, विकास की गति काफी धीमी हो गई है, विशेष रूप से जब इसे लंबे समय के दृष्टिकोण से देखा जाता है। कमजोर निजी उपभोग वृद्धि, सुस्त निवेश, और सरकारी व्यय पर अधिक निर्भरता जैसे कारक अर्थव्यवस्था को पीछे खींच रहे हैं। वर्तमान प्रवृत्ति यह संकेत देती है कि भारत 5% से कम वार्षिक दर से बढ़ रहा है, जो तेजी से आर्थिक विकास के लिए जरूरी दर के आधे से भी कम है।

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