Why in News ? Tamil Nadu Chief Minister M K Stalin has announced a $1 million prize for deciphering the script of the Indus Valley Civilisation, an enigma that endures more than a century after Sir John Marshall announced the discovery of the Bronze Age culture that thrived in valley of the Indus between c. 3300 and 1300 BCE
1. Overview of the Indus Valley Civilisation (IVC):
- Flourished between c. 3300 and 1300 BCE, with its peak from 2600 to 1900 BCE.
- Spread over 800,000 sq. km across present-day Pakistan and northwestern India.
- Known for sophisticated urban planning, trade systems, and drainage infrastructure.
2. Indus Script: The Enigma:
- Found on seals, terracotta tablets, and other artefacts from Harappan sites.
- Contains human and animal motifs along with symbols assumed to represent a script.
- Disagreement on the number of signs: Estimates range from 62 signs (S R Rao) to 676 signs (Bryan K Wells).
3. Attempts to Decipher the Script:
- Over 100 documented attempts by archaeologists, linguists, and historians have failed.
- Tamil Nadu has recently announced a $1 million prize for deciphering the script.
4. Competing Theories About the Script:
- Sanskrit Connection Hypothesis:
- Suggests the script has links to Sanskrit as a precursor to Vedic culture.
- Critiqued due to archaeological evidence placing the Vedic Aryans’ arrival after the decline of IVC.
- Dravidian Hypothesis:
- Proposed by Asko Parpola and others; connects the script to Dravidian languages, particularly Old Tamil.
- Utilizes concepts like ‘rebus’ where symbols represent sounds or homophones.
- Non-Language Hypothesis:
- Argues the symbols do not represent a language but serve as political, religious, or commercial markings.
- Historian Steve Farmer and others believe the script may be non-linguistic.
- Hallmarking System Hypothesis:
- Proposed by Peggy Mohan and others, suggesting symbols were used for practical purposes like taxation, trade, or craft permits, not as a written language.
5. Recent Developments:
- Tamil Nadu study identified parallels between Indus symbols and South Indian graffiti marks.
- Study found 42 base signs, 544 variants, and 1,521 composite forms on Tamil Nadu artefacts.
6. Challenges in Decipherment:
- Short Texts: Average inscriptions have only 5 symbols, the longest having 26.
- Lack of Bilingual Texts: Unlike the Rosetta Stone, no bilingual inscriptions have been found.
- Technological Accessibility: Limited advanced tools during earlier research.
7. Importance of Deciphering the Script:
- Understanding commercial and administrative systems of IVC.
- Insights into trade, taxation, and craft-making.
- Contributions to understanding early human history and socio-economic systems.
8. Conclusion:
- The mystery of the Indus script remains unresolved, but ongoing research and technological advancements offer hope.
- Deciphering the script would significantly enhance knowledge about the Indus Valley’s cultural and economic systems.
सिंधु लिपि का रहस्य:
चर्चा में क्यों?तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि को समझने के लिए 1 मिलियन डॉलर के पुरस्कार की घोषणा की है, यह एक रहस्य है जो सर जॉन मार्शल द्वारा कांस्य युग की संस्कृति की खोज की घोषणा के एक सदी से भी अधिक समय बाद भी कायम है जो लगभग 3300 और 1300 ईसा पूर्व के बीच सिंधु घाटी में पनपी थी।
1. सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) का परिचय:
- 3300 से 1300 ईसा पूर्व के बीच विकसित, और इसका स्वर्ण युग 2600 से 1900 ईसा पूर्व तक रहा।
- वर्तमान पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत में 8 लाख वर्ग किमी के क्षेत्र में फैली।
- उन्नत शहरी योजना, व्यापार प्रणाली, और जल निकासी प्रणाली के लिए प्रसिद्ध।
2. सिंधु लिपि: एक पहेली
- सिंधु स्थलों पर पाई गई सील, टेराकोटा टैबलेट और अन्य वस्तुओं पर चिह्न।
- मानव और पशु आकृतियों के साथ प्रतीक जो लिपि माने जाते हैं।
- चिह्नों की संख्या पर असहमति: 62 (एस आर राव) से लेकर 676 (ब्रायन के वेल्स) तक के अनुमान।
3. लिपि को समझने के प्रयास
- पुरातत्वविदों, भाषाशास्त्रियों और इतिहासकारों द्वारा 100 से अधिक असफल प्रयास।
- तमिलनाडु ने लिपि को समझने के लिए हाल ही में 1 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया।
4. लिपि से संबंधित प्रतिस्पर्धी सिद्धांत
संस्कृत संबंध सिद्धांत:
- लिपि को वैदिक संस्कृति की पूर्वज संस्कृत से जोड़ा जाता है।
- आलोचना: पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि वैदिक आर्यन सिंधु सभ्यता के पतन के बाद आए।
द्रविड़ सिद्धांत:
- आस्को पारपोला और अन्य द्वारा प्रस्तावित; इसे द्रविड़ भाषाओं, विशेष रूप से प्राचीन तमिल से जोड़ा।
- ‘रीबस’ अवधारणा का उपयोग, जहां प्रतीक ध्वनि या समानार्थी शब्द का प्रतिनिधित्व करते हैं।
गैर-भाषाई सिद्धांत:
- चिह्न भाषा का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि राजनीतिक, धार्मिक या व्यावसायिक चिह्न हैं।
- इतिहासकार स्टीव फार्मर और अन्य का मत है कि लिपि गैर-भाषाई हो सकती है।
हॉलमार्किंग प्रणाली सिद्धांत:
- पेगी मोहन और अन्य का सुझाव: प्रतीकों का उपयोग व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए, जैसे कर, व्यापार या शिल्प परमिट, न कि लिखित भाषा के रूप में।
5. हालिया विकास
- तमिलनाडु अध्ययन में सिंधु चिह्नों और दक्षिण भारतीय ग्रैफिटी चिह्नों के बीच समानताएं पाई गईं।
- 42 मूल चिह्न, 544 प्रकार, और 1,521 संयुक्त रूप पाए गए।
6. लिपि को समझने की चुनौतियां
- छोटे पाठ: औसतन 5 चिह्न, सबसे लंबा 26 चिह्न।
- द्विभाषी पाठ का अभाव: रोज़ेटा पत्थर जैसा कोई द्विभाषी शिलालेख नहीं मिला।
- तकनीकी पहुंच: पहले के शोध में उन्नत उपकरणों की कमी।
7. लिपि को समझने का महत्व
- सिंधु सभ्यता की व्यावसायिक और प्रशासनिक प्रणालियों को समझना।
- व्यापार, कराधान और शिल्प निर्माण में अंतर्दृष्टि।
- प्रारंभिक मानव इतिहास और सामाजिक-आर्थिक प्रणालियों को समझने में योगदान।
8. निष्कर्ष
- सिंधु लिपि का रहस्य अभी भी अनसुलझा है, लेकिन जारी शोध और तकनीकी प्रगति उम्मीद जगाती हैं।
- लिपि को समझने से सिंधु घाटी की सांस्कृतिक और आर्थिक प्रणालियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।