January 3, 2025
India declared 2025 as the “Year of Defense Reforms”
Key Highlights:
Declaration and Objectives:
- India declared 2025 as the “Year of Defense Reforms” to modernize the armed forces and introduce integrated theatre commands.
- Aim: To boost tri-service synergy, simplify military procurement, and transform the military into a technologically advanced force.
Integrated Theatre Commands:
- Focus on establishing theatre commands to integrate the Army, Navy, and Air Force.
- Unified approach for operations in specific geographical areas to optimize resources and enhance combat readiness.
- Transition from separate service commands to a joint operational structure.
Nine-Point Reform Agenda:
- Foster collaboration among stakeholders and break operational silos.
- Eliminate inefficiencies and optimize resource utilization.
- Lay the groundwork for unprecedented advancements in defense preparedness.
Modernization Goals:
- Transform armed forces into a technologically advanced, combat-ready force for multi-domain integrated operations.
- Address challenges in new domains like cybersecurity, space, and artificial intelligence.
- Adoption of emerging technologies such as machine learning, hypersonic technology, and robotics.
Jointness and Integration:
- Emphasis on inter-service cooperation and training.
- Development of joint tactics, procedures, and operational capabilities to ensure jointness across the Army, Navy, and Air Force.
Simplified Procurement Process:
- Streamline and expedite acquisition procedures to enhance capability development.
- Focus on robust procurement mechanisms to ensure time-sensitive military readiness.
Indigenous Capability Development:
- Promote indigenous technology and encourage public-private partnerships.
- Instil pride in Indian culture and ideas, aiming for global standards through local innovation.
Defense Exports and R&D:
- Position India as a credible exporter of defense products.
- Encourage research and development through partnerships between Indian industries and foreign manufacturers.
Welfare of Veterans:
- Enhance welfare measures for veterans while leveraging their expertise for defense preparedness.
- Optimize policies to ensure their well-being and participation in the defense ecosystem.
Strengthening Public-Private Partnerships:
- Facilitate technology transfer and knowledge sharing between the defense sector and civil industries.
- Improve the ease of doing business to attract investment and partnerships in the defense sector.
These reforms aim to secure India’s sovereignty, enhance combat capabilities, and position India as a leader in defense technology and innovation.
भारत के “डिफेंस रिफॉर्म्स का वर्ष” (2025) की मुख्य बातें
घोषणा और उद्देश्य:
- 2025 को “डिफेंस रिफॉर्म्स का वर्ष” घोषित किया गया है, जिसका उद्देश्य सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण और एकीकृत थिएटर कमांड्स की स्थापना करना है।
- लक्ष्य: तीनों सेनाओं (थल, जल, वायु) के बीच समन्वय बढ़ाना, सैन्य खरीद प्रक्रिया को सरल बनाना और सेना को तकनीकी रूप से उन्नत बल में बदलना।
एकीकृत थिएटर कमांड्स:
- थलसेना, नौसेना और वायुसेना की क्षमताओं को एकीकृत करने के लिए थिएटर कमांड्स की स्थापना पर जोर।
- संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग और परिचालन तैयारियों को बढ़ाने के लिए भौगोलिक क्षेत्रों में संयुक्त संचालन की संरचना।
- अलग-अलग सेवा कमांड्स से एकीकृत संरचना की ओर स्थानांतरण।
नौ-सूत्रीय सुधार एजेंडा:
- हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और परिचालन अवरोधों को समाप्त करना।
- अक्षमताओं को खत्म करना और संसाधनों के उपयोग का अनुकूलन।
- रक्षा तैयारी में अभूतपूर्व प्रगति की नींव रखना।
आधुनिकीकरण के लक्ष्य:
- सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत और बहु-डोमेन एकीकृत संचालन के लिए तैयार बल में बदलना।
- साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे नए क्षेत्रों की चुनौतियों का समाधान।
- मशीन लर्निंग, हाइपरसोनिक तकनीक और रोबोटिक्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाना।
संयुक्तता और एकीकरण:
- सेवाओं के बीच सहयोग और प्रशिक्षण पर जोर।
- संयुक्त रणनीति, प्रक्रियाओं और परिचालन क्षमताओं के विकास को प्राथमिकता देना।
सरल सैन्य खरीद प्रक्रिया:
- खरीद प्रक्रियाओं को सरल और तेज करना ताकि क्षमताओं का विकास सुनिश्चित हो।
- समय-संवेदनशील सैन्य तैयारियों को मजबूत बनाने के लिए मजबूत तंत्र पर जोर।
स्वदेशी क्षमता विकास:
- स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देना और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
- भारतीय संस्कृति और विचारों में गर्व पैदा करना और स्थानीय नवाचार के माध्यम से वैश्विक मानकों को प्राप्त करना।
रक्षा निर्यात और अनुसंधान एवं विकास:
- भारत को एक विश्वसनीय रक्षा उत्पाद निर्यातक के रूप में स्थापित करना।
- भारतीय उद्योगों और विदेशी निर्माताओं के बीच साझेदारी के माध्यम से अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करना।
पूर्व सैनिकों का कल्याण
- पूर्व सैनिकों के लिए कल्याणकारी उपायों में सुधार और उनकी विशेषज्ञता का रक्षा तैयारियों में उपयोग।
- उनकी भलाई सुनिश्चित करने और रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी भागीदारी को अनुकूलित करने के लिए नीतियों को बेहतर बनाना।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत करना:
- रक्षा क्षेत्र और नागरिक उद्योगों के बीच प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देना।
- निवेश और साझेदारी को आकर्षित करने के लिए व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ाना।
ये सुधार भारत की संप्रभुता को सुरक्षित करने, युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने और देश को रक्षा प्रौद्योगिकी और नवाचार में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखते हैं।