January 6, 2025
Export Inspection Council (EIC):/ निर्यात निरीक्षण परिषद (EIC):
Why in News? Recently, the EIC initiated a gap assessment study to evaluate the food testing infrastructure for exports, identifying any shortcomings in facilities and processes that may impact the quality assurance of exported goods.
About EIC:
- The Export Inspection Council (EIC) is a statutory body set up by the Government of India under the Export (Quality Control and Inspection) Act, 1963. Its core mandate is to ensure that products exported from India meet the quality and safety standards required by importing countries.
Purpose and Establishment:
- The EIC was created to promote the sound development of India’s export trade by ensuring the quality control and inspection of products destined for international markets. It operates as the official certification body for exported goods, with a specific focus on food safety and quality standards.
Structure and Leadership:
- The Chairman heads the EIC, overseeing its overall functioning.
- The Director of Inspection & Quality Control serves as the Executive Head, responsible for managing day-to-day operations.
- The headquarters of the EIC is located in Delhi, with a network of Export Inspection Agencies (EIAs) in Mumbai, Kolkata, Kochi, Delhi, and Chennai, as well as 30 sub-offices spread across India.
- EIC’s activities are backed by state-of-the-art laboratories, accredited by the National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories (NABL).
Key Functions and Responsibilities:
Quality Control and Certification:
- The EIC’s primary role is to ensure that products listed under the Export (Quality Control and Inspection) Act, 1963, comply with the safety and quality standards required by the importing countries.
- It provides mandatory certification for various food products, including:
- Fish and fishery products
- Dairy products
- Honey
- Egg products
- Meat and meat products
- Poultry meat products
- Animal casings
- Gelatin, ossein, crushed bones
- Feed additives and pre-mixtures
- Certification for other food and non-food items is provided on a voluntary basis.
Gap Assessment Study:
- Recently, the EIC initiated a gap assessment study to evaluate the food testing infrastructure for exports, identifying any shortcomings in facilities and processes that may impact the quality assurance of exported goods.
International Standards Compliance:
- The EIC ensures that India’s export products meet the international requirements of quality and safety, ensuring that Indian goods can enter global markets without facing rejection due to non-compliance with foreign regulations.
Role of EIC in India’s Export Industry:
- The Export Inspection Council plays a pivotal role in the growth of India’s export trade by maintaining high standards for products, particularly in the food sector. This, in turn, enhances India’s reputation as a reliable exporter while safeguarding consumer safety abroad.
Collaboration with Other Entities:
- The EIC collaborates with various government bodies and export promotion organizations to streamline export procedures and support the certification process. It also works with international regulatory bodies to align India’s export products with global standards.
Conclusion:
The Export Inspection Council (EIC) is crucial for India’s export ecosystem, ensuring that exported goods, especially food items, are of the highest quality and comply with international regulations. With its comprehensive network and expertise in quality control, the EIC is helping maintain India’s competitive edge in global trade while fostering consumer trust in Indian products worldwide.
निर्यात निरीक्षण परिषद (EIC):
चर्चा में क्यों? हाल ही में, EIC ने निर्यात के लिए खाद्य परीक्षण बुनियादी ढांचे का मूल्यांकन करने के लिए एक गैप आसेसमेंट अध्ययन शुरू किया है, ताकि उन सुविधाओं और प्रक्रियाओं की पहचान की जा सके जो निर्यातित वस्त्रों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में बाधक हो सकती हैं।
निर्यात निरीक्षण परिषद (EIC):
- निर्यात निरीक्षण परिषद (EIC), भारत सरकार द्वारा निर्यात (गुणवत्ता नियंत्रण और निरीक्षण) अधिनियम, 1963 के तहत स्थापित एक सांविधिक संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत से निर्यात होने वाले उत्पाद उन देशों द्वारा निर्धारित गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को पूरा करें, जिनमें ये उत्पाद भेजे जा रहे हैं। यहां EIC की भूमिकाओं, कार्यों और संचालन संरचना का विस्तृत विवरण दिया गया है:
उद्देश्य और स्थापना:
- EIC का गठन भारत के निर्यात व्यापार के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए किया गया था, ताकि निर्यात के लिए भेजे गए उत्पादों की गुणवत्ता नियंत्रण और निरीक्षण सुनिश्चित किया जा सके। यह निर्यातित वस्त्रों के लिए आधिकारिक प्रमाणन संस्था के रूप में काम करती है, विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए।
संरचना और नेतृत्व:
- EIC की अध्यक्षता अध्यक्ष करते हैं, जो इसकी कुल कार्यप्रणाली की देखरेख करते हैं।
- निरीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण निदेशक इसके कार्यकारी प्रमुख होते हैं, जो रोज़मर्रा की गतिविधियों का प्रबंधन करते हैं।
- EIC का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है, और इसके पास भारत में मुंबई, कोलकाता, कोचि, दिल्ली और चेन्नई में निर्यात निरीक्षण एजेंसियां (EIAs) हैं, साथ ही पूरे भारत में इसके 30 उप-कार्यालय भी हैं।
- EIC की गतिविधियों को नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज (NABL) से मान्यता प्राप्त अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं द्वारा समर्थित किया जाता है।
मुख्य कार्य और जिम्मेदारियाँ:
गुणवत्ता नियंत्रण और प्रमाणन:
- EIC की मुख्य भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि निर्यात (गुणवत्ता नियंत्रण और निरीक्षण) अधिनियम, 1963 के तहत सूचीबद्ध उत्पादों को आयातक देशों द्वारा निर्धारित गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को पूरा करना चाहिए।
- यह विभिन्न खाद्य उत्पादों के लिए अनिवार्य प्रमाणन प्रदान करता है, जैसे:
- मछली और मछली उत्पाद
- डेयरी उत्पाद
- शहद
- अंडा उत्पाद
- मांस और मांस उत्पाद
- पोल्ट्री मांस उत्पाद
- पशु अस्तबल
- जिलेटिन, ऑस्सिन, कुचले हुए हड्डियाँ
- फीड एडिटिव्स और प्री-मिश्चर
- अन्य खाद्य और गैर-खाद्य उत्पादों के लिए प्रमाणन स्वैच्छिक रूप से प्रदान किया जाता है।
गैप आसेसमेंट अध्ययन:
- हाल ही में, EIC ने निर्यात के लिए खाद्य परीक्षण बुनियादी ढांचे का मूल्यांकन करने के लिए एक गैप आसेसमेंट अध्ययन शुरू किया है, ताकि उन सुविधाओं और प्रक्रियाओं की पहचान की जा सके जो निर्यातित वस्त्रों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में बाधक हो सकती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुपालन:
- EIC यह सुनिश्चित करता है कि भारत के निर्यात उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं, ताकि भारतीय उत्पादों को विदेशी बाजारों में बिना किसी समस्या के प्रवेश मिल सके।
EIC की भूमिका भारत के निर्यात उद्योग में:
- निर्यात निरीक्षण परिषद भारत के निर्यात व्यापार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, विशेष रूप से खाद्य क्षेत्र में उच्च मानकों को बनाए रखते हुए। इसके परिणामस्वरूप भारत की विश्वसनीयता निर्यातक के रूप में बढ़ती है, साथ ही विदेशी उपभोक्ताओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।