Daily Current Affairs for UPSC : 21 Jan 2025/ ILO’s Global Estimates on International Migrant Workers/अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिकों पर रिपोर्ट का चौथा संस्करण जारी

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January 21, 2025

Daily Current Affairs for UPSC : 21 Jan 2025/ ILO’s Global Estimates on International Migrant Workers/अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिकों पर रिपोर्ट का चौथा संस्करण जारी

The International Labour Organization (ILO) has recently released the fourth edition of its Global Estimates on International Migrant Workers. The report highlights the critical contributions made by international migrants to the global labor market, alongside the challenges they face.

Key Highlights from the ILO Report on International Migrant Workers:

Global Contributions:

  • In 2022, international migrants comprised 4.7% of the global labor force, which includes both employed and unemployed individuals.
  • This marks an increase of over 30 million migrant workers since 2013.

Regional Distribution:

  • High-Income Countries: Absorbed the largest share, with 68.4% (114 million individuals), primarily employed in sectors like services and care provision.
  • Upper-Middle-Income Countries: Accounted for 17.4% (29.2 million) of the total international migrant workforce.
  • Europe and North America: The share of migrant workers in the labor force was 23.3% in Northern, Southern, and Western Europe, and 22.6% in Northern America.

Employment Sectors:

  • Services Sector:
    • Migrants: 68.4% (higher than non-migrants).
    • Women: 80.7%, Men: 60.8%.
    • Care Economy: 28.8% of migrant women and 12.4% of migrant men were employed in this field.
  • Industry: 24.3%.
  • Agriculture: 7.4% (compared to 24.3% for non-migrants).

Age Demographics:

  • Prime Working Age (25-54 years): 74.9% (125.6 million workers).
  • Youth (15-24 years): 9.3% (15.5 million).
  • Aged 55-64 years: 12.5%.
  • Above 65 years: 3.4%.

Gender Composition:

  • Men: Represented 4.7% of total male employment globally.
  • Women: Accounted for 4.4% of total female employment worldwide.
  • The number of female international migrants has seen steady growth since 2015.

Significance of International Migrants:

  • Addressing Labor Shortages: Migrants fill crucial workforce gaps in host countries.
  • Economic Contributions: Remittances sent back to their home countries significantly bolster local economies and national development.
  • In 2024, India received $129.1 billion in remittances (14.3% of global remittances), marking the highest amount ever recorded for a single country in any year.

Challenges Identified in the Report:

  • Declining Growth Rate: Between 2019 and 2022, the growth of international migrants slowed to less than 1% annually, impacted by factors such as the COVID-19 pandemic.
  • Gender Disparities:
    • Unemployment rates for migrant women were higher (8.7%) than for migrant men (6.2%).
    • The employment-to-population ratio for women was significantly lower (48.1%) compared to men (72.8%).
    • Barriers such as language, unrecognized qualifications, discrimination, limited childcare options, and societal expectations exacerbate these disparities.
  • Higher Unemployment Rates: Migrants experienced an unemployment rate of 7.2%, higher than the 5.2% rate for non-migrants, with women disproportionately affected.

Policy Recommendations:

The ILO underscores the need for comprehensive policies to:

  1. Enhance labor mobility.
  2. Safeguard workers’ rights.
  3. Foster inclusive growth.
  4. Address the specific needs of migrant workers to ensure their safety, dignity, and economic well-being.

About the International Labour Organization (ILO):

  • Established: 1919 under the Treaty of Versailles post-World War I.
  • UN Affiliation: Became the first specialized agency of the United Nations in 1946.
  • Tripartite Structure: Brings together governments, employers, and workers.
  • Membership: Comprises 187 member states.
  • Mission: To set labor standards, devise policies, and implement programs that promote decent work for all.
  • Headquarters: Geneva, Switzerland.

Major ILO Reports:

  • World Employment and Social Outlook (WESO).
  • Global Wage Report.
  • World Social Protection Report.
  • World Employment and Social Outlook for Youth.
  • World of Work Report.

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिकों पर रिपोर्ट का चौथा संस्करण जारी

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिकों पर वैश्विक अनुमान की चौथी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों के वैश्विक श्रम बाजार में महत्वपूर्ण योगदान और उनकी चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है।

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं:

वैश्विक योगदान:

  • 2022 में, अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक वैश्विक श्रम बल का 4.7% हिस्सा थे, जिसमें कार्यरत और बेरोजगार दोनों शामिल हैं।
  • यह 2013 के बाद से 3 करोड़ से अधिक प्रवासी श्रमिकों की वृद्धि को दर्शाता है।

क्षेत्रीय वितरण

  • उच्च आय वाले देश: 68.4% (11.4 करोड़) प्रवासी श्रमिकों को सम्मिलित किया, जिनमें से अधिकांश सेवाओं और देखभाल से संबंधित क्षेत्रों में कार्यरत थे।
  • ऊपरी-मध्यम आय वाले देश: वैश्विक प्रवासी श्रमिक बल का 17.4% (2.92 करोड़) हिस्सा।
  • क्षेत्रीय फोकस: उत्तरी, दक्षिणी और पश्चिमी यूरोप में प्रवासी श्रमिकों का हिस्सा 23.3% था, जबकि उत्तरी अमेरिका में यह 22.6% था।

रोजगार क्षेत्र:

  • सेवा क्षेत्र:
  • प्रवासी श्रमिक: 68.4% (गैर-प्रवासी श्रमिकों से अधिक)।
  • लिंग विभाजन: महिलाएं (80.7%) पुरुषों (60.8%) से अधिक।
  • देखभाल अर्थव्यवस्था: महिला प्रवासियों में 28.8% और पुरुष प्रवासियों में 12.4% इस क्षेत्र में कार्यरत थे।
  • उद्योग: 24.3% प्रवासी श्रमिक इस क्षेत्र में कार्यरत।
  • कृषि: केवल 7.4%, जबकि गैर-प्रवासियों के लिए यह 24.3% है।

आयु संरचना:

  • मुख्य कार्यशील आयु (25-54 वर्ष): 74.9% (12.56 करोड़)।
  • युवा (15-24 वर्ष): 9.3% (1.55 करोड़)।
  • 55-64 वर्ष की आयु: 12.5%।
  • 65 वर्ष से ऊपर: 3.4%।

लिंग संरचना:

  • पुरुष रोजगार: प्रवासियों ने वैश्विक पुरुष रोजगार का 4.7% हिस्सा बनाया।
  • महिला रोजगार: महिला प्रवासियों ने वैश्विक महिला रोजगार का 4.4% हिस्सा बनाया।
  • 2015 से महिला प्रवासियों की संख्या में निरंतर वृद्धि देखी गई है।

प्रवासी श्रमिकों का महत्व:

  • श्रमिक संकट का समाधान: प्रवासी श्रमिक मेज़बान देशों में महत्वपूर्ण कार्यबल की कमी को पूरा करते हैं।
  • आर्थिक योगदान: प्रवासी अपने मूल देशों को प्रेषण के माध्यम से स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ करते हैं।
  • उदाहरण के लिए, भारत ने 2024 में $129.1 बिलियन का प्रेषण प्राप्त किया, जो वैश्विक प्रेषण का 14.3% है और किसी भी देश के लिए अब तक का सबसे अधिक रिकॉर्ड है।

रिपोर्ट में पहचानी गई चुनौतियां:

विकास दर में गिरावट:

  • 2019 और 2022 के बीच अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों की वार्षिक वृद्धि दर 1% से कम हो गई, जिसका मुख्य कारण COVID-19 महामारी था।

लैंगिक असमानताएं:

  • बेरोजगारी दर: महिला प्रवासियों के लिए बेरोजगारी दर 8.7% थी, जबकि पुरुष प्रवासियों के लिए यह 6.2% थी।
  • रोजगार-से-जनसंख्या अनुपात: महिलाओं के लिए यह 48.1% था, जबकि पुरुषों के लिए 72.8%।
  • भाषा बाधाएं, मान्यता प्राप्त न होने वाली योग्यताएं, भेदभाव, सीमित चाइल्डकेयर विकल्प और सामाजिक मान्यताएं इन असमानताओं को बढ़ाती हैं।

प्रवासी श्रमिकों में उच्च बेरोजगारी:

  • प्रवासी श्रमिकों के लिए बेरोजगारी दर 7.2% थी, जो गैर-प्रवासियों के लिए 5.2% की तुलना में अधिक है, और महिलाओं को अधिक प्रभाव पड़ा।

ILO की नीति सिफारिशें:

ILO ने प्रवासी श्रम की पूरी क्षमता का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित पर बल दिया है:

  • श्रम गतिशीलता को बढ़ावा देना।
  • श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा।
  • समावेशी आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना।
  • प्रवासी श्रमिकों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लक्षित नीतियां तैयार करना, जो उनकी सुरक्षा, गरिमा और कल्याण को प्राथमिकता देती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) का परिचय:

  • स्थापना: प्रथम विश्व युद्ध के बाद 1919 में वर्साय की संधि के तहत।
  • संयुक्त राष्ट्र से संबंध: 1946 में संयुक्त राष्ट्र की पहली विशेषीकृत एजेंसी बनी।
  • संरचना: सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों को एक साथ लाने वाला त्रिपक्षीय निकाय।
  • सदस्यता: 187 सदस्य देश।
  • मिशन: वैश्विक स्तर पर सम्मानजनक कार्य को बढ़ावा देने के लिए श्रम मानकों को स्थापित करना, नीतियां तैयार करना और कार्यक्रम लागू करना।
  • मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड।

प्रमुख ILO रिपोर्ट्स:

  • विश्व रोजगार और सामाजिक दृष्टिकोण (WESO)
  • वैश्विक वेतन रिपोर्ट
  • विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट
  • युवाओं के लिए विश्व रोजगार और सामाजिक दृष्टिकोण
  • विश्व कार्य रिपोर्ट

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