Daily Current Affairs for UPSC : 2 Jan 2025 Binodini Theatre:What is theatre?बिनोदिनी थिएटर:थिएटर क्या है?

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January 2, 2025

Daily Current Affairs for UPSC : 2 Jan 2025 Binodini Theatre:What is theatre?बिनोदिनी थिएटर:थिएटर क्या है?

Why in News? Bengal CM Mamata Banerjee has recently announced her decision to rename Kolkata’s Star Theatre to Binodini Theatre to rectify a historical injustice done 141 years ago by a misogynistic society that ostracised a pioneering female stage performer due to her origins in a red-light district.

What is theatre?

  • Theatre refers to a form of performing arts where stories are enacted by live performers on a stage before an audience. It combines various elements like dialogue, music, dance, acting, set design, lighting, and costume design to create an immersive experience. Theatre serves as a medium for storytelling, cultural expression, and social commentary.

Types of theatre in India:

India has a rich and diverse tradition of theatre that spans centuries. It includes classical, folk, and modern forms, each reflecting the cultural and linguistic diversity of the country.

  1. Classical Theatre

Classical Indian theatre is rooted in ancient texts and traditions.

Sanskrit Theatre: Derived from the Natya Shastra, an ancient treatise on performing arts by Bharata Muni. Examples:

  • Kalidasa’s Shakuntala
  • Bhasa’s Urubhangam
  • It emphasizes rasa (emotions) and includes elaborate costumes, gestures, and music.
  1. Folk Theatre:
  • This is a regional form of theatre performed in vernacular languages. It combines drama, music, and dance.

Jatra (Bengal): Popular in rural Bengal, combining devotional themes and social commentary.

Tamasha (Maharashtra): Known for its humor, singing, and dancing.

Yakshagana (Karnataka): A blend of dance, music, and dialogue based on mythological themes.

Therukoothu (Tamil Nadu): A street theatre style performed during festivals.

  1. Parsi Theatre:
  • Emerging during British colonial rule, Parsi theatre introduced western-style proscenium stages to India.
  • It popularized melodramatic storytelling, elaborate sets, and music.
  • Precursor to Indian cinema, influencing Bollywood.
  1. Modern Theatre:
  • Modern Indian theatre began in the 19th century, incorporating European dramaturgy while reflecting Indian social issues.

Binodini Theatre: Established in 1873 in Kolkata, it is associated with the legendary actress Binodini Dasi. It marked the rise of modern Bengali theatre.

  • Indian People’s Theatre Association (IPTA): Emerged in the 1940s to promote socio-political awareness through drama.
  • Modern playwrights include Rabindranath Tagore, Vijay Tendulkar, and Girish
  1. Experimental Theatre:
  • In the post-independence era, experimental theatre evolved to break away from traditional narratives.
  • Focused on minimalistic staging and abstract themes.
  • Directors like Ebrahim Alkazi and Badal Sircar pioneered this movement.

Prominent Theatres in India:

Binodini Theatre (Kolkata): A landmark of Bengali theatre, established by Binodini Dasi and Girish Chandra Ghosh.

Prithvi Theatre (Mumbai): Founded by Shashi Kapoor, it promotes contemporary and experimental plays.

NSD Repertory Theatre (Delhi): Associated with the National School of Drama, showcasing classical and modern works.

Indian theatre continues to thrive, blending traditional and contemporary styles to reflect societal changes and cultural evolution.

बिनोदिनी थिएटर:

चर्चा में क्यों? बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने हाल ही में कोलकाता के स्टार थिएटर का नाम बदलकर बिनोदिनी थिएटर करने के अपने फैसले की घोषणा की है, ताकि 141 साल पहले एक महिला विरोधी समाज द्वारा किए गए ऐतिहासिक अन्याय को सुधारा जा सके, जिसने एक अग्रणी महिला स्टेज परफॉर्मर को रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट में होने के कारण बहिष्कृत कर दिया था।

थिएटर क्या है?

थिएटर प्रदर्शन कला के एक रूप को संदर्भित करता है, जहाँ दर्शकों के सामने मंच पर लाइव कलाकारों द्वारा कहानियाँ निभाई जाती हैं। यह संवाद, संगीत, नृत्य, अभिनय, सेट डिज़ाइन, लाइटिंग और कॉस्ट्यूम डिज़ाइन जैसे विभिन्न तत्वों को मिलाकर एक इमर्सिव अनुभव बनाता है। थिएटर कहानी कहने, सांस्कृतिक अभिव्यक्ति और सामाजिक टिप्पणी के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य करता है।

भारत में थिएटर के प्रकार:

  • भारत में थिएटर की एक समृद्ध और विविध परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है। इसमें शास्त्रीय, लोक और आधुनिक रूप शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक देश की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को दर्शाता है। नीचे कुछ प्रमुख प्रकार दिए गए हैं:

शास्त्रीय थिएटर:

  • शास्त्रीय भारतीय थिएटर प्राचीन ग्रंथों और परंपराओं में निहित है।
  • संस्कृत रंगमंच: भरत मुनि द्वारा प्रदर्शन कला पर एक प्राचीन ग्रंथ, नाट्य शास्त्र से व्युत्पन्न। उदाहरण:

कालिदास की शकुंतला:

भास का उरुभंगम

  • इसमें रस (भावनाओं) पर जोर दिया जाता है और इसमें विस्तृत वेशभूषा, हाव-भाव और संगीत शामिल हैं।

लोक रंगमंच:

  • यह स्थानीय भाषाओं में प्रदर्शित होने वाला रंगमंच का एक क्षेत्रीय रूप है। इसमें नाटक, संगीत और नृत्य का मिश्रण होता है।

जात्रा (बंगाल): ग्रामीण बंगाल में लोकप्रिय, भक्ति विषयों और सामाजिक टिप्पणियों का संयोजन।

तमाशा (महाराष्ट्र): अपने हास्य, गायन और नृत्य के लिए जाना जाता है।

यक्षगान (कर्नाटक): पौराणिक विषयों पर आधारित नृत्य, संगीत और संवाद का मिश्रण।

थेरुकुथु (तमिलनाडु): त्योहारों के दौरान प्रदर्शित की जाने वाली एक स्ट्रीट थिएटर शैली।

पारसी थिएटर:

  • ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान उभरे, पारसी थिएटर ने भारत में पश्चिमी शैली के प्रोसेनियम स्टेज पेश किए।
  • इसने नाटकीय कहानी कहने, विस्तृत सेट और संगीत को लोकप्रिय बनाया।
  • भारतीय सिनेमा का अग्रदूत, जिसने बॉलीवुड को प्रभावित किया।

आधुनिक रंगमंच:

  • आधुनिक भारतीय रंगमंच की शुरुआत 19वीं सदी में हुई, जिसमें भारतीय सामाजिक मुद्दों को दर्शाते हुए यूरोपीय नाट्यशास्त्र को शामिल किया गया।

 

बिनोदिनी थिएटर: 1873 में कोलकाता में स्थापित, यह दिग्गज अभिनेत्री बिनोदिनी दासी से जुड़ा हुआ है। इसने आधुनिक बंगाली थिएटर के उदय को चिह्नित किया।

भारतीय जन रंगमंच संघ (इप्टा): नाटक के माध्यम से सामाजिक-राजनीतिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए 1940 के दशक में उभरा।

  • आधुनिक नाटककारों में रवींद्रनाथ टैगोर, विजय तेंदुलकर और गिरीश कर्नाड शामिल हैं।

प्रायोगिक रंगमंच:

  • स्वतंत्रता के बाद के युग में, प्रायोगिक रंगमंच पारंपरिक कथाओं से अलग होकर विकसित हुआ।
  • न्यूनतम मंचन और अमूर्त विषयों पर ध्यान केंद्रित किया।
  • इब्राहिम अलकाज़ी और बादल सरकार जैसे निर्देशकों ने इस आंदोलन की अगुवाई की।

भारत के प्रमुख थिएटर

  • बिनोदिनी थिएटर (कोलकाता): बंगाली थिएटर का एक मील का पत्थर, जिसे बिनोदिनी दासी और गिरीश चंद्र घोष ने स्थापित किया था।
  • पृथ्वी थिएटर (मुंबई): शशि कपूर द्वारा स्थापित, यह समकालीन और प्रयोगात्मक नाटकों को बढ़ावा देता है।
  • एनएसडी रिपर्टरी थिएटर (दिल्ली): राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से संबद्ध, शास्त्रीय और आधुनिक कार्यों का प्रदर्शन करता है।
  • भारतीय थिएटर सामाजिक परिवर्तनों और सांस्कृतिक विकास को प्रतिबिंबित करने के लिए पारंपरिक और समकालीन शैलियों को मिलाकर फल-फूल रहा है।

 


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