April 14, 2025
The European Space Agency (ESA) has launched its Biomass mission as part of the Earth Explorer Programme, aimed at tracking the world’s forests and monitoring changes in their biomass. Announced on April 13, 2025, by Alind Chauhan in The Indian Express, this mission seeks to measure carbon storage and assess how forests are affected by climate change and human activity.
समाचार में क्यों? यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने अपने अर्थ एक्सप्लोरर कार्यक्रम के तहत बायोमास मिशन लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य दुनिया के जंगलों का निरीक्षण करना और उनकी बायोमास में हो रहे परिवर्तनों की निगरानी करना है। यह मिशन जलवायु परिवर्तन और मानव गतिविधियों के प्रभाव का अध्ययन करने और कार्बन भंडारण को मापने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्बन मॉनिटरिंग:
दुनिया के जंगलों का नक्शा बनाकर पहली बार वैश्विक स्तर पर जंगलों की बायोमास का व्यापक मापन करना।
पेड़ों में संग्रहित कार्बन का विश्लेषण करना।
परिवर्तन का पता लगाना:
समय के साथ जंगलों के कैनोपी (छत्र) और बायोमास में बदलाव को ट्रैक करना।
वनों की कटाई, पुनर्वनीकरण, या प्राकृतिक घटनाओं के प्रभाव का अध्ययन करना।
वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि:
कार्बन चक्र में जंगलों की भूमिका और जलवायु परिवर्तन को कम करने में उनके योगदान को समझना।
तकनीक:
बायोमास उपग्रह पर लगे सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) का उपयोग, जिसमें 12 मीटर का एंटीना है।
इसे फ्रेंच गयाना से वेगा रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा।
डेटा संग्रहण:
यह उपग्रह 29-डिग्री के कक्ष और 666 किमी की ऊंचाई पर संचालित होगा।
यह जंगलों के छत्रों को भेदते हुए बायोमास का आकलन करेगा और पेड़ों की ऊंचाई और कार्बन भंडारण में बदलाव को मापेगा।
लॉन्च की तारीख:
यह उपग्रह 29 अप्रैल, 2025 को वेगा C रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा।
वैश्विक प्रभाव:
जंगल हर साल लगभग 16 बिलियन मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) अवशोषित करते हैं।
यह मिशन यह समझने में मदद करेगा कि यह वितरण समय के साथ कैसे बदलता है।
जलवायु कार्रवाई:
हर साल लगभग 10.2 मिलियन हेक्टेयर जंगलों की कटाई होती है (2023 की रिपोर्ट के अनुसार)।
बायोमास मिशन कार्बन उत्सर्जन को मापकर वैश्विक जलवायु रणनीतियों में योगदान देगा।
नवाचार:
ESA का यह सातवां अर्थ एक्सप्लोरर मिशन है, जो पिछले सफल मिशनों जैसे GOCE ग्रेविटी मिशन पर आधारित है।
अपनी तरह का पहला:
बायोमास उपग्रह जंगलों की बायोमास पर अभूतपूर्व जानकारी प्रदान करेगा।
व्यापक कवरेज:
यह दुनिया के जंगलों की निगरानी करेगा, छोटे सूक्ष्मजीवों से लेकर कैलिफोर्निया के विशाल रेडवुड्स तक, कार्बन गतिशीलता का समग्र दृश्य प्रदान करेगा।
सिमोन चेली: ESA के अर्थ ऑब्ज़र्वेशन निदेशक ने इस मिशन के उष्णकटिबंधीय जंगलों में होने वाले परिवर्तनों को समझने में योगदान पर जोर दिया।
शॉन क्वेगन: शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता ने इसे विकिरण संतुलन और जलवायु प्रभावों की निगरानी के लिए महत्वपूर्ण बताया।
जंगलों की बायोमास का नक्शा बनाना और कार्बन भंडार का आकलन करना।
जलवायु मॉडलों का समर्थन करना।
जंगलों के कवर और घनत्व में हो रहे बदलाव की निगरानी करना।
नीतिगत निर्माताओं को जलवायु परिवर्तन से निपटने में प्रभावी डेटा प्रदान करना।
January 30, 2025
January 20, 2025
January 14, 2025
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