राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड:
उद्घाटन और अध्यक्षता:
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्घाटन किया। पल्ले गंगा रेड्डी को इसका पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
मुख्यालय:
यह बोर्ड निजामाबाद, जो एक प्रमुख हल्दी उत्पादक क्षेत्र है, में स्थित होगा।
प्रमुख क्षेत्र:
- अनुसंधान और विकास: हल्दी की उपज और गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए।
- मूल्य संवर्धन: घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए मूल्य वर्धित हल्दी उत्पादों को बढ़ावा देना।
- निर्यात संवर्धन: भारत के हल्दी व्यापार को वैश्विक स्तर पर विस्तार देना।
- लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला: वितरण प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए ढांचागत सुधार।
- गुणवत्ता और सुरक्षा: हल्दी उत्पादन और निर्यात के लिए सख्त मानक स्थापित करना।
आर्थिक क्षमता:
- वैश्विक नेतृत्व: भारत विश्व के 70% हल्दी उत्पादन का योगदान करता है और 30 प्रकार की हल्दी की खेती करता है।
- खेती क्षेत्र: वर्ष 2023-24 में भारत में 3.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती हुई, जिससे 10.74 लाख टन की उपज हुई।
- निर्यात: भारत का वैश्विक हल्दी व्यापार में 62% हिस्सा है, जिसमें 2023-24 में 1.62 लाख टन हल्दी का निर्यात हुआ, जिसकी कीमत $226.5 मिलियन थी।
क्षेत्रीय ध्यान:
यह बोर्ड आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हल्दी उत्पादन में सुधार पर जोर देगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
समग्र दृष्टिकोण:
बोर्ड में विभिन्न मंत्रालयों, निर्यातकों और उत्पादकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, ताकि हल्दी उद्योग के लिए एकीकृत रणनीति सुनिश्चित की जा सके।
औषधीय और आर्थिक महत्व:
“सुनहरी मसाला” के नाम से प्रसिद्ध हल्दी में औषधीय गुण होते हैं और यह 20 भारतीय राज्यों के किसानों की आजीविका को बढ़ाने की अपार क्षमता रखती है।
यह उद्घाटन भारत की हल्दी उत्पादन और निर्यात में वैश्विक नेतृत्व को और सशक्त बनाने की दिशा में एक रणनीतिक प्रयास का संकेत देता है।