Botanist K. S. Manilal: Hortus Malabaricus Research: बॉटनिस्ट के. एस. मणिलाल

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January 2, 2025

 Botanist K. S. Manilal: Hortus Malabaricus Research: बॉटनिस्ट के. एस. मणिलाल

 Botanist K. S. Manilal:

  1. Personal Background
    • Full Name: Kattungal Subramaniam Manilal (K.S. Manilal).
    • Death: Passed away at the age of 86 in Thrissur, Kerala, after prolonged illness.
    • Hometown: Paravur, Ernakulam district, Kerala.
    • Academic Background: PhD in Botany and served as a faculty member at the University of Kerala and later at the University of Calicut.
  2. Notable Contributions
    • Hortus Malabaricus Research: Best known for his research, translation, and annotation of Hortus Malabaricus, a Latin botanical treatise.
    • Hortus Malabaricus: Originally authored by Hendrik Adriaan van Rheede during 1669-1676, this work is one of the most comprehensive studies on the medicinal plants and flora of the Malabar coast (modern Kerala, Karnataka, and Goa).
    • Translation Work: Translated the 12-volume Hortus Malabaricus into English and Malayalam, making it accessible to the modern academic world. His work bridged the gap between the Latin treatise and contemporary botanical research.
    • Annotations & Modern Interpretation: Along with translation, he provided annotations, modern botanical explanations, and historical interpretations, highlighting the cultural and socio-political context of the Malabar coast.
  3. Academic Career
    • Teaching: Served as a professor of botany at the University of Calicut for 23 years (1976-1999), shaping future botanists and researchers.
  4. Research on Flora and Fauna
    • Silent Valley Rainforest: Conducted extensive research on the flora and fauna of Kerala’s Silent Valley rainforest in the 1980s, which played a key role in its conservation.
  5. Publications and Recognition
    • Research Papers and Books: Authored 198 research papers and 15 books on taxonomy and botany, focusing on medico-botanical aspects and the historical significance of plants.
    • Padma Shri Award: In recognition of his contributions, Manilal was honored with the Padma Shri in 2020.
    • International Recognition: Awarded the Officer in the Order of Orange-Nassau by the Netherlands, one of the highest civilian honors.
  6. Legacy
    • Indian Association for Angiosperm Taxonomy: Founded the association to advance the study of flowering plants (angiosperms).
    • His work on Hortus Malabaricus has significantly contributed to understanding the botanical and cultural heritage of the Malabar coast, influencing both scientific and historical research.

बॉटनिस्ट के. एस. मणिलाल के बारे में मुख्य बिंदु:

  1. व्यक्तिगत पृष्ठभूमि:
  • पूरा नाम: कट्टुंगल सुब्रमण्यम मणिलाल (के. एस. मणिलाल)
  • मृत्यु: लंबी बीमारी के बाद 86 वर्ष की आयु में त्रिशूर, केरल में उनका निधन हुआ।
  • मूल स्थान: परवूर, एरनाकुलम जिला, केरल।
  • शैक्षिक पृष्ठभूमि: वनस्पति विज्ञान में पीएचडी प्राप्त की और केरल विश्वविद्यालय में संकाय सदस्य के रूप में काम किया। बाद में वह कालीकट विश्वविद्यालय में भी कार्यरत रहे।
  1. प्रमुख योगदान:
  • हॉर्टस मलबारिकस पर शोध: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान हॉर्टस मलबारिकस नामक लैटिन वनस्पतिक ग्रंथ के शोध, अनुवाद और टिप्पणी के लिए मिली।
  • हॉर्टस मलबारिकस: यह ग्रंथ 1669-1676 के बीच हेंड्रिक एडीरियन वैन रीड द्वारा लिखा गया था, और यह मलबार तट (वर्तमान केरल, कर्नाटका और गोवा) के औषधीय पौधों और वनस्पतियों पर सबसे विस्तृत अध्ययन है।
  • अनुवाद कार्य: मणिलाल ने इस 12 खंडों के ग्रंथ का अनुवाद अंग्रेजी और मलयालम में किया, जिससे यह आधुनिक अकादमिक जगत के लिए सुलभ हुआ। उनके अनुवाद ने लैटिन ग्रंथ और समकालीन वनस्पति विज्ञान शोध के बीच सेतु का काम किया।
  • टिप्पणियाँ और आधुनिक व्याख्या: अनुवाद के साथ-साथ, मणिलाल ने आधुनिक वनस्पति वैज्ञानिक व्याख्याएँ और ऐतिहासिक व्याख्याएँ प्रदान की, जिससे मलबार तट के सांस्कृतिक और सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ को उजागर किया गया।
  1. शैक्षिक करियर:
    • शिक्षण कार्य: मणिलाल ने कालीकट विश्वविद्यालय में 23 वर्षों (1976-1999) तक वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने भविष्य के वनस्पतिशास्त्रियों और शोधकर्ताओं को मार्गदर्शन दिया।
  2. वनस्पति और जीवजंतुओं पर शोध:
    • साइलेंट वैली वर्षावन: 1980 के दशक में मणिलाल ने केरल के साइलेंट वैली वर्षावन के पौधों और जानवरों पर विस्तृत शोध किया, जो बाद में इसके संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कारण बना।
  3. प्रकाशन और सम्मान:
  • शोध पत्र और पुस्तकें: मणिलाल ने वनस्पति विज्ञान और वर्गीकरण (टैक्सोनॉमी) पर 198 शोध पत्र और 15 किताबें लिखीं, जो विशेष रूप से औषधीय पौधों और उनके ऐतिहासिक महत्व पर आधारित हैं।
  • पद्म श्री पुरस्कार: 2020 में उनके योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
  • अंतरराष्ट्रीय सम्मान: नीदरलैंड्स द्वारा उन्हें ऑफिसर इन द ऑर्डर ऑफ ऑरेंज-नास्साउ पुरस्कार दिया गया, जो देश का एक उच्च नागरिक सम्मान है।
  1. विरासत
  • भारतीय एंजियोस्पर्म टैक्सोनॉमी संघ: मणिलाल ने एंजियोस्पर्म (फूलों वाले पौधों) के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए इस संघ की स्थापना की।
  • हॉर्टस मलबारिकस पर उनका कार्य मलबार तट की वनस्पतिक और सांस्कृतिक धरोहर को समझने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करता है, जिससे वैज्ञानिक और ऐतिहासिक शोध को नया दृष्टिकोण मिला।

 

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