October 21, 2024
Why in news ? It was recently exploded outside CRPF camp in Delhi.
What is a crude bomb ?
it is an improvised explosive device (IED), typically made using readily available materials, with minimal technical expertise. These devices are often homemade, making them unreliable and highly dangerous. They are used in illegal activities like terrorism, sabotage, or criminal actions because of their low cost and ease of assembly. However, they can cause significant harm due to their explosive nature.
The components of a crude bomb can vary but typically include:
The production, possession, and use of crude bombs are illegal in almost every country, and there are international and national regulations aimed at controlling and preventing the use of such devices.
चर्चा में क्यों? हाल ही में दिल्ली में सीआरपीएफ कैंप के बाहर विस्फोट हुआ था।
कच्चा बम क्या है?
कच्चा बम एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) है, जिसे आमतौर पर आसानी से उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके बनाया जाता है, जिसमें न्यूनतम तकनीकी विशेषज्ञता होती है। ये उपकरण अक्सर घर पर बनाए जाते हैं, जिससे ये अविश्वसनीय और अत्यधिक खतरनाक हो जाते हैं। इनका उपयोग आतंकवाद, तोड़फोड़ या आपराधिक कार्रवाइयों जैसी अवैध गतिविधियों में किया जाता है, क्योंकि ये कम लागत और असेंबली में आसान होते हैं। हालाँकि, ये अपने विस्फोटक स्वभाव के कारण काफी नुकसान पहुँचा सकते हैं।
कच्चे बम की संरचना:
कच्चे बम के घटक अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन आम तौर पर इनमें ये शामिल होते हैं:
विस्फोटक सामग्री: आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियों में बारूद, आतिशबाजी, उर्वरक (अमोनियम नाइट्रेट) और ईंधन तेल मिश्रण शामिल हैं। कुछ मामलों में, घरेलू रसायनों का उपयोग किया जा सकता है।
प्रज्वलन तंत्र: यह एक फ्यूज, बैटरी से जुड़ा एक बिजली का तार या घर्षण या प्रभाव से ट्रिगर होने वाली रासायनिक प्रतिक्रिया हो सकती है।
कंटेनर: विस्फोटक को एक कंटेनर में पैक किया जाता है, जो अक्सर धातु या प्लास्टिक से बना होता है, जो डिवाइस के फटने पर छर्रे की तरह काम कर सकता है, जिससे इसका विनाशकारी प्रभाव बढ़ जाता है। ट्रिगर मैकेनिज्म: एक कच्चे बम को कई तरीकों से ट्रिगर किया जा सकता है,
जिनमें शामिल हैं: रिमोट कंट्रोल दबाव या प्रभाव टाइमर आधारित विस्फोट मैनुअल इग्निशन विनियमन संगठन और कानून: कच्चे बमों का उत्पादन, कब्ज़ा और उपयोग लगभग हर देश में अवैध है, और ऐसे उपकरणों के उपयोग को नियंत्रित करने और रोकने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय नियम हैं।
1. भारत में: विस्फोटक अधिनियम, 1884: यह कानून विस्फोटकों के निर्माण, कब्ज़ा, उपयोग, बिक्री और परिवहन को नियंत्रित करता है, जिसमें कच्चे बम भी शामिल हैं। इस कानून का उल्लंघन करने पर जुर्माना और कारावास सहित गंभीर सजा हो सकती है। गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA),
1967: आतंकवाद से निपटने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला यह अधिनियम अवैध उद्देश्यों के लिए कच्चे बम जैसे विस्फोटक उपकरणों के निर्माण और उपयोग में शामिल व्यक्तियों और संगठनों से निपटता है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG): NSG भारत में बम निरोधक और आतंकवाद विरोधी प्रयासों को संभालता है, जिसमें कच्चे बम की घटनाओं को निष्क्रिय करना और उनकी जाँच करना शामिल है।
2. अंतर्राष्ट्रीय विनियम:
आतंकवादी बम विस्फोटों के दमन के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (1997): यह संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन आतंकवादी उद्देश्यों के लिए बमों और अन्य विस्फोटक उपकरणों के उपयोग को संबोधित करता है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से ऐसे कृत्यों को रोकना है।
कुछ पारंपरिक हथियारों पर सम्मेलन (CCW): एक संयुक्त राष्ट्र संधि जिसका उद्देश्य सशस्त्र संघर्षों में तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों सहित कुछ पारंपरिक हथियारों के उपयोग को प्रतिबंधित करना है।
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